जनाब अरविन्द केजरीवाल, जो इन दिनों पंजाब के दौरे पर हैं, उनके एक ऐलान ने एक पुरानी बहस को नयी हवा दी है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी जीतती है तो वह अमृतसर को ‘पवित्र नगर’ का दर्जा प्रदान करेगी. इतना ही नहीं वह स्वर्ण मंदिर के आसपास शराब, मीट और टुबैको के उपभोग पर भी रोक लगाएंगे.
उनके मुताबिक खालसा को जन्म देने वाले आनंदपुर साहिब को भी पवित्र नगर का दर्जा दिया जाएगा. वैसे यह पहली दफा नहीं है जब उन्होंने नगरों को ‘पवित्र’ घोषित करने की बात कही है. याद रहे जिन दिनों वह वाराणसी से चुनाव लड़ रहे थे, उन्होंने अपने बनारस संकल्प में अन्य कुछ मांगों के अलावा इस बात का भी विशेष उल्लेख किया था कि वह वाराणसी को ‘पवित्र नगरी’ का दर्जा दिलाएंगे.
(Read the full article here : http://hindi.catchnews.com/india/politics-of-holy-city-1473905440.html/fullview)
What else can be expected from a party who declared that they don’t believe in any ideology. Don’t know or making a show of it that corruption is a symptom of the deep rooted disease, capitalist economy. He took holy dip 1st in Varanasi even when he went there for election campaign.
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