हिंदी प्रदेश : प्रगतिशीलता की विरासत – प्रोफेसर बजरंग तिवारी

विषय : हिंदी प्रदेश : प्रगतिशीलता की विरासत

इस व्याख्यान में निम्न पहलुओं को समेटने की कोशिश रहेगी –

अर्वाचीन बोध क्या है? हिंदी प्रदेश में इसकी बुनियाद को कैसे समझें ? छठी से ग्यारहवीं शताब्दी का दौर।

भक्ति आंदोलन के दौर में क्या बदलाव हुए ? कला और साहित्य में दरबारीपन को कैसे समझें ?

स्वतंत्रता आंदोलन में साहित्य और साहित्यकारों की क्या भूमिका रही? अपने विगत से इस आंदोलन ने क्या ग्रहण किया ?

प्रगतिवाद ने हिंदी-उर्दू-संस्कृत साहित्य को कैसे प्रभावित किया ? प्रगतिवाद के आरंभिक चरण में क्या मुद्दे रहे ?

अस्मितामूलक साहित्य के उभार को कैसे समझें? दलित साहित्य की विकासयात्रा का हाल-मुकाम क्या है ?

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