ओम थानवी का यह लेख जनसत्ता अखबार में 23 सितंबर 2007 को प्रकाशित हुआ था। ओम थानवी जनसत्ता के संपादक हैं।

वह तस्वीर चे ने खुद कभी नहीं देखी। उस तस्वीर से उसके छविकार ने कभी एक पैसा नहीं कमाया। मगर दुनिया के हर कोने में आज वह छवि मौजूद है। विद्रोह और क्रांति के एक सशक्त प्रतीक के रूप में। ‘टाइम’ पत्रिका द्वारा चे गेवारा को पिछली सदी की सौ हस्तियों में शरीक करने से बहुत पहले वह छवि दुनिया में सबसे ज्यादा छपी तस्वीर घोषित हो गई थी। Continue reading चे का चेहरा: ओम थानवी