भक्तों दा जवाब नहीं! गांधीजी का ‘विलोपन’- तीन ‘आसान’ किश्तों में

.जो शख्स तुम से पहले यहाँ तख़्त नशीन था….
उसको भी खुदा होने पे इतना ही यकीन था

– हबीब जालिब

Modi Bhakt

भक्तगणों का – अर्थात वही बिरादरी जो ढ़ाई साल से लगातार सुर्खियों में रहती आयी है –  जवाब नहीं !

अपने आराध्य को इस कदर नवाज़ते रहते हैं गोया आनेवाली पीढ़ियों को लगने लगे कि ऐसा शख्स कभी हुआ न हो। वैसे टेक्नोलोजी की तरक्की ने उनके लिए यह बेहद आसान भी हो गया है कि वह फोटोशॉप के सहारे दिखाए कि कथित 56 इंची सीने के बलबूते वह कुछ भी कर सकते हैं।

मिसाल के तौर पर वह बाढ़ के हवाई सर्वेक्षण के लिए निकलें और धुआंधार बरसते पानी में उनकी आंखों के सामने समूचा शहर नमूदार हो जाए। यह अलग बात है कि उनकी इस कवायद में कई बार उनके इस हीरो की हालत हिन्दुओं के एक पवित्रा कहे जाने वाले एक ग्रंथ में नमूदार होते नारद जैसी हो बना दी जाती है, जिसे इस बात का गुमान ही न हो कि उसने कैसा रूप धारण किया है और उनका यह आराध्य दुनिया भर में अपने आप को मज़ाक का निशाना बना दे।

हम याद कर सकते हैं अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा की अगवानी का प्रसंग जब दिन में तीन तीन बार ड्रेस बदलने या अपना खुद का नाम अंकित किया दस लाख या करोड़ रूपए का सूट पहनने की उनके आराध्य की कवायद विश्व मीडिया में सूर्खियांे में रही, उसका जबरदस्त मज़ाक उड़ा और इसी दौरान मीडिया ने इस तथ्य को उजागर किया था कि इसके पहले ऐसी आत्ममुग्धता भरी हरकत मिस्त्र के अपदस्थ तानाशाह होसनी मुबारक ने की थी।

( For full text of the article click here :https://sabrangindia.in/article/modi-bhakt-and-mahatma-gandhi-subhash-gathade)

One thought on “भक्तों दा जवाब नहीं! गांधीजी का ‘विलोपन’- तीन ‘आसान’ किश्तों में”

  1. हत्या शक्ति की निशानी नहीं है, यह कमजोरी का एक लक्षण है। इस जेल से बाहर अपने दिल का पालन करें।

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