महात्मा की ह्त्या और हमारे बच्चे:नासिरुदीन हैदर खान

GUEST POST by Nasiruddin Haider Khan

किसी की हत्या की गई हो तो उसकी वजह भी होगी. महात्मा गांधी की भी हत्या की गई थी. जाहिर है, इसकी भी कोई वजह होगी. वैसे क्‍या वजह है? हम कह सकते हैं, 68 साल बाद क्या यह भी कोई सवाल है? ऐसा सवाल जिसका जवाब तलाशने की जरूरत हो?

पिछले दिनों उत्‍तरी बिहार के एक स्‍कूल में कुछ साथियों के साथ जाना हुआ. हमें नौवीं क्‍लास के छात्रों से रू-ब-रू होना था. यह उस शहर का नामी निजी स्‍कूल है. स्‍टूडेंट भी मेधावी हैं. हम इनसे बातचीत का मौजू तलाश रहे थे. जनवरी का महीना है. हमें सूझा, क्‍यों न महात्मा गांधी की हत्या पर बात की जाए. देखा जाए बच्चे  क्या सोचते या जानते हैं? तो हमने तय किया कि इसी पर बात होगी.

क्‍लास में करीब 60 लड़के-लड़कियाँ रही होंगी. सबकी उम्र 15 के आसपास होगी. हमारे सामने सवाल था, कहाँ से और कैसे शुरू किया जाए. हमने बोर्ड पर लिखा ‘30 जनवरी.’ बातचीत शुरू हुई. क्या 30 जनवरी कुछ खास तारीख है? सभी छात्रों से अलग-अलग जवाब मिले- इस दिन गांधी जी की हत्या हुई थी…शहीद दिवस है… गांधी जी राष्ट्रपिता हैं आदि.

हमार अगला सवाल था- अगर हत्या हुई थी तो क्या आप बता सकते हैं, गांधी जी की हत्या किसने की थी? नाथूराम गोडसे- यह जवाब ज़्यादातर बच्चे जानते थे. इसके बाद सवाल किया गया- नाथूराम गोडसे ने गांधी जी को क्यों मारा? इसके जवाब काफी अलग-अलग थे. कुछ व्यक्तिगत जवाब थे तो कुछ सामूहिक. इन जवाबों से यह  झलक भी मिलती है कि गोडसे को बच्चे क्या समझते हैं?

आगे के लिए यह लिंक देखिए:

http://hindi.catchnews.com/india/why-did-nathuram-godse-kileed-mahatma-gandhi-1454050822.html

 

 

2 thoughts on “महात्मा की ह्त्या और हमारे बच्चे:नासिरुदीन हैदर खान”

  1. Godse sensed Gandhi tilting against brahminism specially after supporting paying reparations to Pakistan.

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  2. हाथों का रिमोट

    एक हाथ रोज़ गाँधी को जिंदा करता है
    झट से दूसरा हाथ उनकी लँगोटी उतारता है
    धड़ से उगा तीसरा हाथ
    गोली मार देता है

    एक छुपा दिमाग है
    हाथों का रिमोट लिये अट्टहास करता है

    🌿 जसबीर चावला

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