बरवक्त यहां ‘गाय’ कानून तोड़ने का सुरक्षित तरीका

cow politics

..उना, गुजरात की इस घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है. पिछले दिनों इस मसले पर बात करते हुए गुजरात सरकार के चीफ सेक्रेटरी जीआर ग्लोरिया ने गोरक्षा के नाम पर चल रही गुंडागर्दी को रेखांकित किया. उन्होंने बताया कि समूचे गुजरात में दो सौ से ज्यादा ऐसे गोरक्षा समूह उभरे हैं जो ‘अपने हिंसक व्यवहार के चलते और जिस तरह वो कानून को अपने हाथ में लेते हैं, उसके चलते कानून और व्यवस्था का मसला बन गए हैं.’

ग्लोरिया ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि ऐसे समूहों के खिलाफ हम सख्त कार्रवाई करनेवाले हैं क्योंकि भले ही यह ‘स्वयंभू गोभक्त हों मगर वास्तव में गुंडे हैं.’ शहर से गांव तक फैले उनके नेटवर्क तथा स्थानीय पुलिस के साथ उनकी संलिप्तता आदि बातों को भी उन्होंने रेखांकित किया.

ध्यान रहे कि यह पहली दफा नहीं है जब गोरक्षा के नाम पर बढ़ रही असामाजिक गतिविधियों की तरफ संवैधानिक संस्थाओं या उनके प्रतिनिधियों की तरफ से ध्यान खींचा गया हो. अभी ज्यादा दिन नहीं हुआ जब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इसी बात को रेखांकित किया था.

अदालत का कहना था कि ‘‘गोरक्षा की दुहाई देकर बने कथित प्रहरी समूह जिनका गठन राजनीतिक आंकाओं एवं राज्य के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की शह पर हो रहा है, जिनमें पुलिस भी शामिल है, वह कानून को अपने हाथ में लेते दिख रहे हैं.’..

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