मोदीनामा : हिंदुत्व का उन्माद

 

मई 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हिंदुत्ववादी दक्षिणपंथी भारतीय जनता पार्टी ने शानदार चुनावी जीत हासिल की।

यह जीत सामान्य समझ को धता बताती है – जीवन और आजीविका जैसी आधारभूत बातें इस चुनाव का मुद्दा क्यों नहीं बन पाईं? ऐसा क्यों है कि सामान्य और सभ्य लोगों के लिए भी

हिंदुत्व के ठेकेदारों की गुंडागर्दी बेमानी हो गई? क्यों एक आक्रामक और मर्दवादी कट्टरवाद हमारे समाज के लिए सामान्य सी बात हो गई है? ऐसा क्यों है कि बेहद जरूरी मुद्दे आज गैरजरूरी हो गए हैं?

ये सवाल चुनावी समीकरणों और जोड़-तोड़ से कहीं आगे और गहरे हैं। असल में मोदी और भाजपा ने सिर्फ चुनावी नक्शों को ही नहीं बदला है बल्कि सामाजिकं मानदंडों के तोड़-फोड़ की भी शुरूआत कर दी है।

यह किताब प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी के पिछले पांच वर्षों की यात्रा को देखते हुए आने वाले पांच वर्षों के लिए एक चेतावनी है।

978-81-940778-5-5

LeftWord Books, New Delhi, 2019

Language: Hindi, 131 pages, 5.5″ x 8.5″

Price INR 195.00 Book Club Price INR 137

(https://mayday.leftword.com/catalog/product/view/id/21471)

SUBHASH GATADE
Subhash Gatade is a left activist and author. He is the author of Charvak ke Vaaris (Hindi, 2018), Ambedkar ani Rashtriya Swayamsevak Sangh (Marathi, 2016), Godse’s Children: Hindutva Terror in India (2011) and The Saffron Condition (2011). His writings for children include Pahad Se Uncha Aadmi (2010).

We look forward to your comments. Comments are subject to moderation as per our comments policy. They may take some time to appear.