भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने कल अपनी बैठक में एक फ़रमान जारी किया है जिसके मुताबिक ‘भारत माता की जय’ न कहना संविधान के प्रति असम्मान दिखाना है. इस कार्यकारिणी की बैठक में ‘राष्ट्रवाद’ का ढोल नगाड़ा तो खूब पीटा गया मगर कम-अज़-कम अख़बारों की खबरों से तो नहीं लगता की आंसू की एक बूद भी – घड़ियाली ही सही – किसी भी नेता की आँख से इस ‘राष्ट्रवाद’ के नाम पर चल रहे तांडव में मारे जा रहे लोगों के लिए बही हो. न ही ‘राष्ट्रवादी शोहदों द्वारा की जा रही क्रूर, घिनौनी और हिंसात्मक बयानबाज़ी पर ही कार्यकारिणी के पास कुछ कहने को था.

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