Guest post by RAJINDER CHAUDHARY
हाल ही में मोदी सरकार ने हिंदी, अंग्रेजी एवं पंजाबी में 106 पन्नों की एक किताब कृषि क़ानूनों के पक्ष में निकाली है. मोदी ने यह भी कहा है कि किसान आन्दोलन जारी रखने से पहले इस को ज़रूर पढ़ें. मोदी की बात मान कर हम ने इस को पढ़ा. सब से पहले तो यह देख कर धक्का लगा कि 106 पन्नों की किताब में नए कृषि क़ानूनों वाले अध्याय में मात्र 28 पृष्ठ हैं और इन 28 पन्नों में भी मोदी के भाषणों, मोदी सरकार के कृषि कार्यों और मोदी द्वारा गुजरात में किये कामों का विवरण शामिल है. इस लिए इन 28 पन्नों में भी सीधे सीधे नए कृषि क़ानूनों पर तो मात्र 13 पेज हैं. इस में भी बहुत दोहराव है, एक ही बात को बार बार कहा गया है. शेष पुस्तिका तो मोदी सरकार द्वारा किसानों के हित में किये गए कामों के दावों पर ही केन्द्रित है. यहाँ हम मोदी द्वारा गुजरात और केंद्र में कृषि और किसानों के लिए किये गए सारे दावों की पड़ताल करने की बजाय नए क़ानूनों के पक्ष में किये गए दावों की ही पड़ताल करेंगे. (यहाँ पर कई स्थानों पर दो तरह के पृष्ठ नंबर दिए गए हैं. पहले पीडीएफ फ़ाइल के और फिर छपी हुई पुस्तिका के; अगर एक पृष्ठ नंबर है तो वो पीडीएफ का है). इन का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है. Continue reading कृषि क़ानूनों पर नयी सरकारी किताब में बड़े बड़े दावों के अलावा सफ़ेद झूठ भी : राजिंदर चौधरी