Guest post by MAYA JOHN
यह लेख डेक्कन हेरल्ड में लिखे गए लघु लेख का हिन्दी रूपान्तरण है।
रात के अंधेरे में महिला पहलवानों से दिल्ली पुलिस की हालिया हाथापाई के बाद उनका आँसुओं से भरा चेहरा दिखा। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त यह महिला पहलवान सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष द्वारा महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। पिछले कुछ महीनों में आरोपी सांसद के खिलाफ इन विरोध प्रदर्शनों का यह दूसरा दौर है। विडम्बना है कि सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुँचने के बाद ही आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो पाई। आरोपी के खिलाफ लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने के बावजूद उसकी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है, और यहाँ तक कि वो अभी भी कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद पर आसीन है। पहलवानों के यूँ सुबकते चेहरे, उनके अपमान और हताशा हमारे ज़मीर को भी झकझोरते हैं कि आखिर हमारे देश की क्या हालत हो रही है।
Continue reading महिला पहलवानों का सुबकता चेहरा – राष्ट्र अपने अंतरात्मा के दर्पण में : माया जॉन