
नागेश / बदला हुआ नाम/ – जो आई आई टी मद्रास में अध्ययनरत एक तेज विद्यार्थी है, तथा समाज के बेहद गरीब तबके से आता है – उसे उस दिन मेस में प्रवेश करते वक्त़ जिस अपमानजनक अनुभव से गुजरना पड़ा, वह नाकाबिले बयानात कहा जा सकता है। उसे अपने गांव की जातीय संरचना की तथा उससे जुड़े घृणित अनुभवों की याद आयी। दरअसल किसी ने उसे बाकायदा मेस में प्रवेश करते वक्त़ रोका और कहा कि अगर वह मांसाहारी है, तो दूसरे गेट से प्रवेश करे।
मेस के गेट पर बाकायदा एक पोस्टर लगा था, जिसे इस नये ‘निज़ाम’ की सूचना दी गयी थी। यहां तक कि अपने खाने की पसंदगी के हिसाब से हाथ धोने के बेसिन भी बांट दिए गए थे। ‘शाकाहारी’ और ‘मांसाहारी’। एक रिपोर्टर से बात करते हुए नागेश अपने गुस्से को काबू करने में असमर्थ दिख रहे थे। उन्होंने पूछा कि आखिर आई आई टी का प्रबंधन ऐसे भेदभावजनक आदेश को छात्रों से सलाह मशविरा किए बिना कैसे निकाल सकता है। Continue reading आई आई टी मद्रास – आधुनिक दौर का अग्रहरम !