(An edited version of this Fact-Finding Report appeared in February issue of Samayantar)
गुजरात और मध्यप्रदेश की सीमा से लगे हुए महाराष्ट्र के धुले जिले में 6 जनवरी को होटल में पैसे के लेन-देन के आपसी विवाद को लेकर शुरू हुआ झगड़ा जल्द ही हिन्दू एवं मुस्लिम समुदाय के बीच पत्थर बाजी में तब्दील हो गया। इस हिंसा की परिणति पुलिस की गोली से मारे गए छः मुस्लिम नौजवानों (1) इमरान अली कमर अली (25) (2) असीम शेख नासिर (21) (3) सउद अहमद रईस पटेल (18) (4) हाफिज मो. आसीफ अब्दुल हलीम (22) (5) रिजवान हसन शाह (24) (6) युनुस अब्बास शाह (20) के रूप में हुई। लगभग 55 मुस्लिम नौजवानों, जिनमें से लगभग 40कोगोली लगी, पुलिस की हिंसा के शिकार हुए। 58ऐसे लोग हैं जिनके घर,वाहन, दुकान, ठेलागाड़ी को क्षतिग्रस्त किया गया। धुले में हुई इस साम्प्रदायिक हिंसा की खासियत यह है कि न तो पुलिस और न ही कोई साम्प्रदायिक संगठन झूठ बोल सकता है, क्योंकि धुले में लगभग 3 बजे के आसपास जब विवाद ने पत्थरबाजी का रूप ले लिया तब उसके बाद के ज्यादातर फुटेज वीडियोक्लिपिंग अथवा फोटोग्राफ के रूप में मौजूद हैं। धुले में हुई इस हिंसा की हकीकत जानने के लिए वर्धा के हिंदी विश्वविद्यालय के अध्यापक, छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता एवं पुणे के स्वतंत्र पत्रकार ने 19-20 जनवरी को धुले जिले का दौरा किया। Continue reading राज्य हिंसा का एक और नमूना – धुले